! मेरी अभिव्यक्ति !
- 791 Posts
- 2130 Comments
अवसर दिया श्रीराम ने पुरुषों को हर कदम,
अग्नि-परीक्षा नारी की तुम लेते रहोगे,
करती रहेगी सीता सदा मर्यादा का पालन,
पर ठेकेदार मर्यादा के यहाँ तुम ही रहोगे.
इक रात भी नारी अगर घर से रही बाहर,
घर से निकाल तुम उसे बाहर ही करोगे,
पर लौटके तुम आ रहे दस साल में भी गर,
पवित्रता की मूर्ति बन सजते रहोगे.
इज़्ज़त के नाम पे यहां नारी की खिंचाई,
इज़्ज़त के वास्ते उसे तुम क़त्ल करोगे,
हमको खबर है बहक कलियुगी सूर्पणखा से,
सबकी नज़र में इज़्ज़तदार बने रहोगे.
कुदरत ने दिया नारी को माँ बनने का जो वर,
उसको कलंक तुम ही बनाते रहोगे,
नारी की लेके कदम-कदम अग्नि-परीक्षा,
तुम राम बनके दिल यूँ ही दुखाते रहोगे.
Read Comments