Menu
blogid : 12172 postid : 1335659

वकील ज्यादा समझदार वेस्ट यूपी में

! मेरी अभिव्यक्ति !
! मेरी अभिव्यक्ति !
  • 791 Posts
  • 2130 Comments

Image result for west u.p.advocate image

मेरठ बार एसोसिएशन के शपथग्रहण समारोह में प्रदेश के विधायी एवं न्याय मंत्री बृजेश पाठक ने वेस्ट यूपी में हाईकोर्ट बेंच की मांग का समर्थन किया और कहा कि मुख्यमंत्री से वार्ता कर समाधान निकालेंगे .
बेंच को लेकर 1979 से पश्चिमी उत्तर प्रदेश के अधिवक्ता संघर्षरत हैं और इसके लिए वे अपने आर्थिक हितों को तो दरकिनार कर ही रहे हैं साथ ही जिस जनता के न्याय हित की खातिर वे ऐसा कर रहे हैं उससे ही अपने लिए अनाप-शनाप बातें सुन रहे हैं .
अब तक यह प्रतीत होता था कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश के अधिवक्ताओं को बेंच के लिए सरकार के समर्थन व् न्याय के लिए दर-दर भटक रही जनता के अपर सहयोग की आवश्यकता है और अगर ऐसा हो जाये तो वेस्ट यूपी में हाईकोर्ट बेंच बनते देर नहीं लगेगी ,लेकिन देर से ही सही परतें खुलने लगी हैं ,वास्तविकता नज़र आने लगी है .
वास्तव में बेंच के लिए आंदोलनरत अधिवक्ताओं में खंडपीठ की स्थापना की जहाँ बात है जैसे कि ”मेरठ ” ,वहां के अधिवक्ता तो जी-जान से जुटे हैं पर उनकी अधीनस्थ व् सहयोगी जिलों की कोर्ट्स के अधिवक्ता इस कार्य में बस पश्चिमी उत्तर प्रदेश हाईकोर्ट बेंच संघर्ष समिति में केवल वकीलों के लिए चलायी जा रही योजनाओं से लाभ उठाने हेतु अपना नाम बनाये रखने के लिए कार्य कर रहे हैं .
बेंच की स्थापना मेरठ में हो ऐसा वे अधिवक्तागण स्वयं नहीं चाहते क्योंकि किसी के अनुसार तो इतनी पास हाईकोर्ट आने पर लोग बड़ी कोर्ट के वकील पर ही ज्यादा विश्वास रख उसे अपने मुक़दमे सौंप देंगे और इस तरह बड़ी कोर्ट के अधिवक्ता उनके क्षेत्र में आकर उन्ही का काम उनसे छीन लेंगे और किसी के अनुसार छोटी कोर्ट्स में बहुत से धोखेबाज व् अक्षम अधिवक्ता हैं जो पास की हाईकोर्ट का नाजायज फायदा अपने मुवक्किल से उठाएंगे और उन्हें लूटेंगे .
अब इन्हें कौन बताये कि ये दोनों स्थितियां तो अभी भी विद्यमान हैं और आपकी काबिलियत इसका जवाब है .बड़ी कोर्ट के वकील तो मुवक्किल अभी भी बुला सकते हैं और ये मौका आपके पास भी है यदि आप काबिल हैं तो बड़ी कोर्ट्स में जा सकते हैं .दुसरे धोखेबाज व् अक्षम अधिवक्ता हमारी हाईकोर्ट में भी हैं बस अभी दूरी के कारण वे अपने मुविक्कलों व् उनके स्थानीय वकीलों की पकड़ से बचे हुए हैं जो पकड़ हाईकोर्ट बेंच के आने से उनके हाथ में स्वयं आ जाएगी .
अब ऐसे में यदि हममें काबिलियत है और हम जनता के न्यायहित के आकांक्षी हैं तो हमें हाईकोर्ट बेंच का पश्चिमी उत्तर प्रदेश में सर्वसम्मति से समर्थन करना होगा अपने क्षुद्र हितों को यदि हम दरकिनार कर सके तभी हम इस पुनीत लक्ष्य को हासिल कर पाएंगे किन्तु हमें पता है यहाँ लोकतंत्र है और लोकतंत्र में और कुछ हो या न हो सर्वसम्मति किसी भी मुद्दे पर नहीं हो सकती .
ऐसे में शत-प्रतिशत रूप से ये कहा जा सकता है कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश में हाईकोर्ट बेंच कभी भी नहीं बन सकती .इसके लिए हम केंद्र या राज्य सरकार को दोषी ठहराने के बिलकुल भी हक़दार नहीं हैं क्योंकि जब वकीलों में ही एकजुटता नहीं तो बाहरी तत्वों को दोष देना गलत है .ऐसे में हम केवल यही सोचकर संतोष कर सकते हैं –
” न नौ मन तेल होगा ,न राधा नाचेगी .”

शालिनी कौशिक
[कौशल ]

Read Comments

    Post a comment

    Leave a Reply