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..क़त्ल कर देता .

! मेरी अभिव्यक्ति !
! मेरी अभिव्यक्ति !
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Image result for daughter with father imageImage result for father kills dear daughter imageगर बिन दर्द के अपने मुझे तू क़त्ल कर देता ,

खुदा अपने ही हाथों से ये तेरी सांसें ले लेता ,

जन्म मेरा ज़मीं पर चाहा कब कभी किसने

जुनूनी कोई भी बढ़कर कलम ये सर ही कर देता .

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दिलाओ मुझको हर तालीम हवाले फिर कहीं कर दो ,

भला अपने जिगर का टुकड़ा कोई ऐसे दे देता ,

तड़प जाती हैं रूहें भी हकीकत सोच कर ऐसी

मोहब्बत तेरी बेटी को कोई तुझसी नहीं देता .

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लुटाकर के जहाँ अपना हैं तुमने बेटियां पाली ,

लुटे वो और घर जाकर ये कैसे देख तू लेता ,

जमाना कितना ज़ालिम है ये जाने हैं जहाँ वाले

नहीं ऐसे में बेटी को जनम का दर्द है देता .

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खिलाया अपने आँगन में जिसे नन्हीं चिरैया सी ,

उसे वो बाज़ के हाथों परोसकर नहीं देता ,

तेरी आँखों का जो तारा ,तेरी जो गोद की गुड़िया

वो तड़पे एक-एक दाने को सहन तू कैसे कर लेता .

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ज़माने ने भरे हैं दर्द गहरे जिसके जीवन में ,

उसे इस धरती पर लाकर नहीं तू और दुःख देता ,

तभी तो ”शालिनी”जाने तुम्हारी बात मन की ये

खुदा से पहले ही उसको तू बढ़कर क़त्ल कर देता .

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शालिनी कौशिक

[कौशल]

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