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ललित मोदी तो मुझसे भी मिले थे तो क्या …..

! मेरी अभिव्यक्ति !
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प्रियंका और रॉबर्ट वाड्रा से मुलाकात का दावाप्रियंका गांधी

आईपीएल के पूर्व कमिश्नर ललित मोदी का नया खुलासा कांग्रेस आलाकमान की मुश्किलें बढ़ा सकता है।
पिछले कई दिनों से अपने बयानों से भाजपा और कांग्रेस नेताओं को परेशान कर रहे मोदी ने शुक्रवार को किए ट्वीट में कहा है कि लंदन में गांधी परिवार से मिलकर उन्हें खुशी होगी। लंदन के एक रेस्‍टोरेंट में प्रियंका गांधी और रॉबर्ट वाड्रा से मैं अलग-अलग मिल चुका हूं।
उधर प्रियंका का बयान ये है –
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की बेटी प्रियंका वाड्रा ने इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के पूर्व प्रमुख ललित मोदी से मुलाकात की बात से इनकार किया है। प्रियंका के दफ्तर ने शुक्रवार शाम को एक बयान जारी कर ललित मोदी के इस दावे को खारिज किया, जिसमें उन्होंने कहा था कि वह प्रियंका और उनके पति रॉबर्ट वाड्रा से लंदन के एक रेस्तरां में मिले थे।
सवाल ये उठता है कि ललित मोदी एक भारतीय हैं और ललित कुमार मोदी, (जन्म नवंबर 29, 1963) इंडियन प्रीमियर लीग के अध्यक्ष और कमीशनर, चैंपियंस लीग के अध्यक्ष,BCCI के उपाध्यक्ष और पंजाब क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष हैं। वह मोदी इंटरप्राइज़ेज़ के अध्यक्ष एवं प्रबंध निर्देशक और गॉडफ्रे फिलिप्स इंडिया के कार्यकारी निर्देशक भी हैं।
जीवनी-
1963 में भारत में दिल्ली के एक मारवाड़ी परिवार में जन्में, ललित कुमार मोदी ने प्रतिष्ठित सेंट जोसेफ कालेज, नैनीताल में अध्ययन किया। उन्होंने संयुक्त राज्य के ड्यूक विश्वविद्यालय में शिक्षा ली और 1986 में मार्केटिंग में स्नातक की डिग्री पायी.ललित मोदी एक अमीर बाप कृष्ण कुमार मोदी के बेटे हैं। कृष्ण कुमार ४००० करोड़ रुपयों की कीमत वाली मोदी समूह के अध्यक्ष हैं। ललित मोदी के दादा राज बहादुर गुजरमल मोदी ने मोदीनगर की स्थापना की थी।
पुरस्कार व मान्यताएं-
BCCI को वर्ष 2008 की भारत का सबसे अधिक उन्नतिशील कंपनी बनाने के लिए उन्हें “द बिज़नस स्टैण्डर्ड अवार्ड” से पुरस्कृत किया गया।
25 सितम्बर 2008 को उन्हें एशिया ब्रांड कांफ्रेंस द्वारा “ब्रांड बिल्डर ऑफ़ द इयर” पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
26 सितम्बर 2008 को उन्हें CNBC आवाज़ द्वारा “द कनज्यूमर अवार्ड फॉर ट्रान्सफौर्मिंग क्रिकेट इन इंडिया” पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
6 अक्टूबर 2008 को उन्हें NDTV प्रोफिट द्वारा “द मोस्ट इनोवेटिव बिज़नस लीडर इन इंडिया” के रूप में सम्मानित किया गया।
24 अक्टूबर 2008 को उन्हें फ्रोस्ट & सुलिवान ग्रोथ एक्सेलेंस अवार्ड्स फॉर “एक्सेलेन्स इन इनोवेशन” से सम्मानित किया गया।
8 नवम्बर 2008 को उन्हें “टीचर्स ऐचीवमेंट ऑफ़ द इयर अवार्ड” से सम्मानित किया गया।
12 नवम्बर 2008 को उन्हें “स्पोर्ट्स बिज़नस-रशमैन्स अवार्ड फॉर स्पोर्टस ईवेन्ट ईनोवेशन” पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
22 जनवरी 2009 को उन्हें “CNBC बिज़नेस लीडर” पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
इंडिया टूडे पत्रिका के अनुसार वे भारत के 20 सबसे शक्तिशाली लोगों में सूचीबद्ध हैं। उन्हें इसलिए सम्मिलित किया गया क्योंकि 2005 में बोर्ड में उनके शामिल होने के बाद से BCCI के राजस्व में सात गुना वृद्धि हुई तथा इसलिए भी क्योंकि “क्रिकेट में कोई भी उनके खिलाफ नहीं जाना चाहता”. वह एक क्रिकेट प्रशासक के रूप में जाने जाते हैं![1] 2008 अगस्त अंक की प्रमुख खेल पत्रिका स्पोर्ट्स प्रो द्वारा वैश्विक आंकड़ों के खेल से जुड़े पावर लिस्ट में उनकी गणना 17 नंबर पर की गई। उन्हें बेस्ट रेन मेकर (पैसा निर्माता) के रूप में किसी भी खेल के क्षेत्र में विश्व भर के खेल के इतिहास में स्थान मिला. इतने कम समय में वह एक ऐसे खेल प्रशासक बने जिन्होंने अपने संगठन के लिए चार अरब अमरीकी डॉलर जुटाया है। इतना सब कुछ उन्होंने अवैतनिक क्षमता में रहते हुए किया। माइक एटथरटन ने द टेलीग्राफ में अपने लेख में उन्हें क्रिकेट के सबसे शक्तिशाली व्यक्ति के रूप में वर्णित किया है। टाइम मैगजिन्स जुलाई 2008, ने उन्हें 2008 के लिए दुनिया के सर्वश्रेष्ठ खेल कार्यकारी अधिकारियों की सूची में 16 नंबर पर रखा है। अक्टूबर 2008 अंक के अंतरराष्ट्रीय व्यापार पत्रिका बिज़नस वीक में ललित मोदी को पूरे विश्व में 25 सबसे शक्तिशाली खेल वैश्विक आंकड़ों की सूची में 19 नंबर पर स्थान मिला. ललित मोदी ने मोस्ट इनोवेटिव बिज़नस लीडर ऑफ़ इंडिया (भारत के सबसे नवप्रवर्तनशील व्यापारिक नेता) का NDTV पुरस्कार भी प्राप्त किया।

भारत की अग्रणी बिज़नस पत्रिका बिज़नस टूडे के नवंबर अंक ने अपने कवर पर मोदी को रखा और उसे भारत के सर्वश्रेष्ठ विपणक का नाम दिया. 31 दिसम्बर की वार्षिक स्पोर्ट्ज़पावर (SportzPower) सूची 2008 में वह 1 नंबर पर रहे और DNA अखबार ने भारत में 50 सबसे प्रभावशाली लोगों की सूची में उन्हें 17 वें स्थान पर क्रमित किया। भारत से स्थानांतरित करने के लिए सिर्फ तीन सप्ताह की सूचना में उन्होंने बहुत सफलतापूर्वक दक्षिण अफ्रीका में 2009 में IPL-2 को आयोजित किया।
पारिवारिक खतरा और सुरक्षा
मार्च 2009 के अंत में मुंबई पुलिस ने अंडरवर्ल्ड डॉन छोटा शकील के गोली चलाने वाले आदमी रशीद मालाबारी को गिरफ्तार किया और उससे पूछताछ के दौरान उसने उजागर किया कि क्रिकेट के प्रमुख ललित मोदी, उनकी पत्नी मीनल और बेटे रूचिर की हत्या करने की योजना थी। इसी संदर्भ में सरकार की एक खुफिया एजेंसी ने छोटा शकील और उसके मालिक दाऊद इब्राहिम के बीच फोन पर हो रही बातचीत को सुना कि 4 हत्यारों को किराये पर लेकर मोदी और उनके परिवार की हत्या दक्षिण अफ्रीका या भारत में कर दी जाये. खुफिया ब्यूरो के इलेक्ट्रॉनिक निगरानी रिकॉर्ड से यह भी पता चला कि छोटा शकील ने अपने निशानेबाजों से कहा कि मोदी को मुंबई या दक्षिण अफ्रीका में खत्म कर दो. “उसको खत्म कर दो इंडिया या साउथ अफ्रीका में ” यही आदेश है। इस धमकी का कारण यह है कि मोदी ने IPL 2 में पाकिस्तानी क्रिकेट खिलाड़ियों के खेलने पर प्रतिबंध लगाया था। ललित मोदी को सशस्त्र पुलिस सुरक्षा प्रदान की गयी है जो उनके घर की पहरेदारी करती है भले ही वह घर पर हों या न हों, उन्हें एक गैर श्रेणी पुलिस सुरक्षा कवर भी दी गई है जो उनके साथ घर के दरवाजे से बाहर भी सुरक्षा प्रदान करती है जिनमें एकाधिक सशस्त्र पुलिस वाले शामिल हैं जो उन्हें 24 घंटे उनके घर और बाहर जाते ही, उनके कार को पहरा देते हैं। लेकिन उनकी पत्नी मिनल और बेटा रुचिर जब बाहर निकलते हैं तो केवल 1 सशस्त्र पुलिस वाला ही उनके साथ होता है। मोदी का अपना निजी सुरक्षा बल 24 घंटे उनके घर की रखवाली करता है और मोदी के निजी अंगरक्षक हर समय उनकी, उनकी पत्नी और बेटे की रखवाली करते हैं। यह भी कहते सुना गया है कि IPL की सुरक्षा एजेंसी ने मोदी के आसपास की सुरक्षा को और भी मजबूत बना दिया है।
निजी जीवन व परिवार-
IPL खेलों के दौरान मोदी को कई बार अपने बेटे रूचिर के साथ देखा जाता है, लेकिन उनकी पत्नी मीनल और बेटी आलिया शायद ही उनके साथ इस खेल में देखी जातीं हैं . उनके बच्चे रूचिर (14) और आलिया (16) वर्तमान में अमेरिकन स्कूल ऑफ़ बॉम्बे में अध्ययन कर रहे हैं। वह मुंबई, जुहू बीच के उपनगर में अपने घर में अपनी पत्नी और बच्चों के साथ एक बहुत ही भव्य जीवन गुजार रहें हैं। मुंबई के वर्ली जैसे व्यापारिक क्षेत्र में भी उनका एक फ्लैट है।
अन्य सौदे-
जब से मोदी BCCI में शामिल हुए उन्होंने बहुत सफलतापूर्वक BCCI के लिए निम्नलिखित सौदों को संपन्न किया:

4 साल के लिए सहारा ग्रुप के साथ टीम भारत के लिए टीम स्पोंसरशिप डील – 103 मिलियन डॉलर (415 करोड़) 20.12.05 को
4 साल के लिए नाइक के साथ टीम भारत के लिए टीम परिधान के प्रायोजन का सौदा – 53 करोड़ डॉलर (215 करोड़) 24.12.05 को
4 साल के लिए निम्बस के साथ मीडिया अधिकार सौदा – 612 मिलियन डॉलर 18.2.06 को
4 साल के लिए ज़ी के साथ विदेशों में मैच के लिए मीडिया अधिकार – 219 मिलियन डॉलर 7.4.06 को
WSG के साथ BCCI के प्रायोजन का सौदा – 46 मिलियन डॉलर (173 करोड़) 27.8.07 को
सोनी के साथ IPL मीडिया अधिकार सौदा – 1.26 अरब डॉलर 15.1.08 को
विभिन्न दलों के साथ IPL टीम्स सेल – 723.6 मिलियन डॉलर 25.01.08 को
वेब मीडिया अधिकार, वर्तमान मीडिया के सीधे प्रसार के लिए – 50 मिलियन डॉलर 18.4.08 को
IPL टाइटल प्रायोजन और ग्राउंड प्रायोजकों को – 220 मिलियन डॉलर – मार्च, अप्रैल 2008
IPL मीडिया अधिकार के लिये सोनी WSG के साथ फिर से समझौता – 1.26 अरब डॉलर से 2 अरब डॉलर 25.3.2009 को[विकिपीडिया से साभार ]
ऐसे में एक ऐसे तबका जिससे ललित मोदी ताल्लुक रखते हैं निश्चित ही वह तबका है जिससे गांधी परिवार भी ताल्लुक रखता है ऐसे में वह उनसे निश्चित रूप में मिला ही होगा वैसे भी उन्हें भारत में अब तक घोषित अपराधी की संज्ञा तो मिली नहीं जो उनसे कोई मिलने के लिए नकाब का इस्तेमाल करे उन पर आईपीएल के प्रसारण के लिए ४२६ करोड़ का ठेका देने में गड़बड़झाले में १२५ करोड़ की रिश्वत लेने का आरोप है और इस मामले में उनपर दो केस दर्ज हैं और आज ललित मोदी जिस कारण से चर्चा में हैं वह इसलिए हैं क्योंकि वर्तमान सरकार की विदेश मंत्री श्रीमती सुषमा स्वराज जी ने उनकी वीज़ा लेने में मदद की थी मात्र मिलना यहाँ चर्चा का कारण नहीं है और प्रियंका गांधी जिस पार्टी के परिवार से ताल्लुक रखती हैं उस पार्टी के नेतृत्व वाली पार्टी द्वारा मोदी के खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी किया गया था .
इसलिए यहाँ मोदी का यह बयान केवल यही दर्शित करता है कि वे ”खिसियानी बिल्ली खम्बा नोचे ” वाली प्रतिक्रिया अपना रहे हैं क्योंकि मोदी की मदद करने वालों के खिलाफ कांग्रेस ही झंडा उठाये है और प्रियंका गांधी उसी पार्टी की भविष्य की संभावित नेतृत्व करने वाली हैं .अब ऐसे में क्या किया जाये मुझे तो सोचकर भी डर लगता है कि कहीं कल मोदी मेरा नाम भी अपने से मिलने वालों में न लेने लगें क्योंकि मिली तो उनसे मैं भी थी भले ही सपने में .इसलिए ऐसे में कांग्रेस को और कांग्रेस के इन सितारों को भविष्य में अपना मिलने का दायरा यही सोचकर सीमित करना होगा –
”कोई हाथ भी न मिलाएगा जो गले मिलोगे तपाक से ,
ये नए मिज़ाज़ का शहर है ज़रा फ़ासले से मिला करो .”

शालिनी कौशिक
[कौशल ]

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