Menu
blogid : 12172 postid : 761500

कोमल देह की मलिका ,ख्वाबों की कामिनी है ,

! मेरी अभिव्यक्ति !
! मेरी अभिव्यक्ति !
  • 791 Posts
  • 2130 Comments

कोमल देह की मलिका ,ख्वाबों की कामिनी है ,

ख्वाहिश से भरे दिल की ,माधुरी मानिनी है .
……………………………………………………..
नज़रें जो देती उसको ,हैं मान महनीय का ,
देती है उन्हें आदर ,ऐसी कामायनी है .
………………………………………………….
कायरता भले मर्दों को ,आकर यहाँ जकड़ ले ,
देती है बढ़के संबल ,साहस की रागिनी है .
………………………………………………………….
कायम मिजाज़ रखती ,किस्मत से नहीं रूकती ,
दफनाती मुसीबत को ,दमकती दामिनी है .
…………………………………………………………..
जीवन के हर सफ़र में ,चलती है संग-संग में ,
गागर में भरती सागर ,ये दिल से ”शालिनी” है .
………………………………………………………………….
शब्दार्थ -महनीय-पूजनीय /मान्य ,कामायनी -श्रृद्धा ,कायम मिजाज़ -स्थिर चित्त ,शालिनी -गृहस्वामिनी .

शालिनी कौशिक

[कौशल ]

Read Comments

    Post a comment

    Leave a Reply