Menu
blogid : 12172 postid : 798468

धीर-वीर-गंभीर पुरुष का हर नारी सम्मान करे ,

! मेरी अभिव्यक्ति !
! मेरी अभिव्यक्ति !
  • 791 Posts
  • 2130 Comments


आज करूँ आगाज़ नया ये अपने ज़िक्र को चलो छुपाकर ,

कदर तुम्हारी नारी मन में कितनी है ये तुम्हें बताकर .


जिम्मेदारी समझे अपनी सहयोगी बन काम करे ,

साथ खड़ी है नारी उसके उससे आगे कदम बढाकर .



बीच राह में साथ छोड़कर नहीं निभाता है रिश्तों को ,

अपने दम पर खड़ी वो होती ऐसे सारे गम भुलाकर .

कैद में रखना ,पीड़ित करना ये न केवल तुम जानो ,

जैसे को तैसा दिखलाया है नारी ने हुक्म चलाकर .


धीर-वीर-गंभीर पुरुष का हर नारी सम्मान करे ,

आदर पाओ इन्हीं गुणों को अपने जीवन में अपनाकर .


जो बोओगे वो काटोगे इस जीवन का सार यही ,

नारी से भी वही मिलेगा जो तुम दोगे साथ निभाकर .


जीवन रथ के नर और नारी पहिये हैं दो मान यही ,

”शालिनी”करवाए रु-ब-रु नर को उसका अक्स दिखाकर .

शालिनी कौशिक

[WOMAN ABOUT MAN]


Read Comments

    Post a comment

    Leave a Reply