उत्तर प्रदेश नगर पालिका अधिनियम -१९१६ के अधीन नगरपालिका के दो प्रकार के कर्तव्य उपबंधित किये गए हैं अर्थात अनिवार्य और वैवेकिक और नगर पालिकाओं द्वारा अपने अन्य कर्व्याओं के साथ साथ जिस एक कर्तव्य की सबसे ज्यादा अनदेखी की जाती है वह इसी अधिनियम की धारा ७ [६] में उल्लिखित है -धारा ७ [६] कहती है – ”धारा ७ के अंतर्गत यह उपबंध किया गया है कि प्रयेक नगर पालिका का यह कर्तव्य होगा कि वह नगर पालिका क्षेत्र के भीतर निम्नलिखित की समुचित व्यवस्था करे – [६] आवारा कुत्तों तथा खतरनाक पशुओं को परिरुद्ध करना ,हटाना या नष्ट करना ; और देखा जाये तो इस कर्तव्य के प्रति नगर पालिका ने अपनी आँखें मूँद रखी हैं और सभी का तो पूरी तरह से पता नहीं किन्तु कांधला नगर पालिका अपने इस कर्तव्य को पूरा करने में पूरी तरह से उपेक्षा कर रही है . अभी लगभग २ महीने पहले एक सामान्य रेस्तरा चलाने वाले ने जैसे सभी अपने सामान को थोडा बहुत बाहर की तरफ सजाकर रख लेते हैं रख लिया था कि दो सांड जो कि दिन भर यहाँ खुले घुमते हैं लड़ते लड़ते वहां आ पहुंचे और उन्हें देख वह जैसे ही अपना सामान बचाने लगा कि वह उनके पैरों के नीचे आ गया और बहुत बुरी तरह घायल हो गया और इलाज में ही उसका लाखों रुपयों का व्यय हो चूका है . ऐसे ही अभी २९ सितम्बर २०१३ को मेरे पिताजी के मित्र के भाई अपनी धेवती को गोद में लेकर घूमने निकले ही थे कि सांड ने पीछे से टक्कर मारी और उनके हाथ से बच्ची छूटकर सड़क पर जा गिरी और उसका इलाज कराने के लिए उसे दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में ले जाना पड़ा जिस कारण बच्ची के इलाज में उनका काफी रुपया लग गया. रोज आये दिन घरों में बंदरों की आवजाही बढ़ रही है और कहीं कोई छत से गिर रहा है तो किसी किसी को बन्दर के काटने के कारण इन्जेंक्शन लगवाने पर 1500-2000 रूपये तक खर्च करने पड़ रहे हैं बन्दर कहाँ से बढ़ रहे हैं तो ये ही पता चलता है कि कोई छोड़ गया और नगर पालिका से इसके लिए कुछ करने को कहा जाता है तो आश्वासन दे टरका दिया जाता है . घटनाएँ बढ़ रही हैं और किसी का भी ध्यान इस ओर नहीं जाता कि आखिर इस तरह से इन पशुओं को यहाँ घूमने दिया जा रहा है तो इनके हमलों को रोकने की जिम्मेदारी किसकी बनती है ? जबकि उत्तर प्रदेश नगर पालिका अधिनियम की धारा ७ [६] साफ तौर पर ये जिम्म्मेदारी नगर पालिका के माथे पर लादती है और जनता को यह हक़ देती है कि वह नगर पालिका से ऐसी घटना का मुआवजा मांग सके . शालिनी कौशिक [कानूनी ज्ञान ]
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