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धीरे धीरे लगने ही लगा है कि अब कॉंग्रेस की सरकार जा रही है और भाजपा की सरकार आ रही है और इसका पूर्वाभास किसी एग्जिट पोल से न होकर अपनी सरकारी मशीनरी से होता है क्योंकि उसकी कार्यप्रणाली सरकार के प्रसाद पर्यन्त कार्य हेतु बनायीं गयी है और संविधान के अनुसार चलना उसे बखूबी आता है और इसके लिए यदि हम किसी सरकार को श्रेय दें तो ये पूर्णतया गलत होगा क्योंकि अभी कॉंग्रेस की सरकार है और उसके सहारनपुर के उम्मीदवार इमरान मसूद को ६ महीने पहले की सी.डी. के आधार पर गिरफ्तार किया गया और भाजपा जो कि अभी सम्भावित सरकार होने की दौड़ में है उसके प्रचारक अमित शाह के खिलाफ भड़काऊ भाषण के सबूत मिलने के बावजूद केवल एफ.आई.आर ही दर्ज की गयी .
भाजपा ने आज लोकसभा चुनावों के आगाज़ के दिन अर्थात ७ अप्रैल को अपना चुनाव घोषणापत्र ज़ारी कर दिया और ये उस स्थिति में जब कि स्वयं चुनाव आयुक्त ब्रह्मा जी ने इस दिन घोषणा पत्र ज़ारी किये जाने के बारे में असहज व् कानूनी स्थिति का संकेत उन्हें दिया था किन्तु उनका चुनाव घोषणा पत्र ज़ारी भी हुआ और उसका बाकायदा प्रचार प्रसार भी हो रहा है और इस सम्बन्ध में शिकायत दर्ज करने को कोंग्रेस को आगे आना पड़ रहा है जबकि चुनाव आयोग को इस सम्बन्ध में स्वतः संज्ञान लेना चाहिए था किन्तु लगता है कि देश में कानून व्यवस्था नाम की कोई चीज़ है ही नहीं क्योंकि जानते बूझते भी चुनाव आयोग ने भाजपा की प्रत्याशा देखते हुए उसे अपने चुनाव घोषणा पत्र का प्रचार करने का अच्छा मौका दिया .
Indo-Asian News Service | Updated: April 06, 2014 14:37 IST
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“We will try to enforce the Representation of the People Act,” Brahma told reporters, making it clear that as the first phase of polls will be held April 7, a political party cannot announce anything related to elections 48 hours before the end of polling.
The Election Commissioner is heading a poll panel team on a two-day visit to Bihar to review preparations for the Lok Sabha election.
Brahma said the Representation of the People Act was passed by Parliament and suggested that political parties should read it as it was important for the election.
He said the poll panel will take action if there is any violation of the act, and urged the media to inform people about it.
फिर क्यूँ बेकार में सरकार के लिए काम करने पर सरकार को दोषी ठहराया जाता है जबकि सरकारी मशीनरी स्वयं पक्षपात का रवैया अपनाकर सरकार को खुश करने का प्रयत्न करती है .ये तो भारतीयों की पुरानी आदत है और उसकी इसी चापलूसी की आदत के कारण आज की सरकार की गुलामी तो कोई बड़ी बात नहीं बल्कि हमें अंग्रेजों की गुलामी एक लम्बे समय तक करनी पड़ी .इसलिए जय हो सरकारी मशीनरी की .जय हो चुनाव आयोग की .
शालिनी कौशिक
[कौशल ]
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