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लोकसभा चुनाव सर पर आ ही गए हैं और कैसे भी हो इस बार ये कोशिश ऐड़ी से चोटी तक की जा रही है कि कैसे भी हो यू पी ए सरकार को देश को बर्बाद करने वाला साबित कर दिया जाये जबकि वास्तविकता क्या है ये मुझे इंडियन नेशनल कॉंग्रेस के मेल से प्राप्त लिंक से चला जो कि ये है – http://tradingeconomics.com/india/gdp और ये लिंक उस वेबसाइट का है जो दुनिया के सभी देशों की अर्थव्यवस्था पर नज़र रखती है आप सभी चाहें तो स्वयं जाकर इस लिंक के माध्यम से इसकी सच्चाई का अवलोकन कर सकते हैं .वैसे मेल ये था –
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अब आते हैं अपने आँखों देखे और स्वयं के प्रत्यक्ष अवलोकन पर –
-देश में आज वाहनों की बहार है भाजपा के विज्ञापन में अभिनेत्री स्कूटर महंगाई के कारण घर रखने की बात कह रही है जबकि मुझे आज कोई आदमी पैदल चलता नहीं दिखता जिसे देखो घर से चार कदम की दूरी पैदल तय नहीं करना चाहता हर हाथ मोटर साइकिल ,स्कूटी और कार सम्भाले है जबकि कहने को तेल की कीमतें चरम पर हैं .
-एक समय था जब पी.सी.ओ.देश में फोन करने का माध्यम थे किन्तु आज हर किसी के हाथ में मोबाइल है और पी.सी.ओ. ठप्प हो गए हैं .
-घर घर में गैस है और यदि गैस की कोई किल्लत है तो इसका कारण सरकार के द्वारा आपूर्ति में कमी न होकर लोगों द्वारा अपनी गैस का इस्तेमाल गाड़ी में करने की कारण है .
– शिक्षा के लिए गाँव गाँव में स्कूल खुल गए हैं अब बच्चों को शिक्षा के लिए भटकने की ज़रुरत नहीं अब लगभग जितने स्कूल हैं मान्यता प्राप्त हैं और चंद कदम की दूरी पर ही हैं .
आज शिक्षा के बेहतरीन साधन हैं ,हर साल करोड़ों युवा स्नातक से भी ऊपर की शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं जनता को भोजन का अधिकार मिला है .सड़कों की ,यातायात की सुविधा है समस्या अगर है तो हमारी जनसँख्या है जिसके कारण हमारी सारी तरक्की सुरसा के मुंह में जीरा बनकर रह जाती है और इसका दोष यूं.पी.ए. के ऊपर नहीं डाला जा सकता क्योंकि ये हमारी रूढ़िवादिता और अन्धविश्वास की भावना है जो हम इसके चंगुल से नहीं निकल पाते और ऐसे में कोई भी सरकार आ जाये हम विकास की राह के राही नहीं हो सकते क्योंकि कन्या भ्रूण हत्या हम करते हैं ,दहेज़ के लिए बहू हम मारते हैं .घरेलू हिंसा कानून होने पर भी हम ही हैं जो अपना मुंह बंद रख पिटने को प्रस्तुत रहती हैं .ऐसे में अगर दोष देना है तो पहले स्वयं को देना होगा और यूं.पी.ए.सरकार के प्रयास को नकारने जैसी कुत्सित नीति से दूर रहना होगा क्योंकि यूं.पी.ए. ने हमें बहुत कुछ दिया है और सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण ये है कि एक स्थिर देश दिया है न कि अस्थिरता में रहने का श्राप जो कि हमें और पार्टियां देती हैं जिनमे अपने में ही स्थिरता नहीं वे हमें क्या स्थिरता देंगी ,ये तो हमें विचारना ही होगा .
शालिनी कौशिक
[कौशल ]
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