Menu
blogid : 12172 postid : 719449

….पर मोदी घबराये ,

! मेरी अभिव्यक्ति !
! मेरी अभिव्यक्ति !
  • 791 Posts
  • 2130 Comments

राजनीति की भांग से भाजपाई मदहोश ,

मोदी चाय पीने को खो रहे अपने होश .

………………………….

अटल पड़े एकांत में मांगें सबकी खैर ,

शुकर करें भगवान् का बने जो अबके गैर .

…………………………………………

लाल कृष्ण की आँख से नित्य बहता नीर ,

मोदी लहर के अंधों को दिखे न उनकी पीर .

…………………………………

जोशी सुरीली बांसुरी हो गयी अब बेसुर ,

आर.एस.एस.ने छीन ली वो आवाज़ मधुर .

………………………………..

टंडन बिलखत फिर रहे बातें करें उखड ,

अध्यक्ष जी ने आगे बढ़ काटी उनकी जड़ .

……………………………………

जेटली ए.सी.कमरे से खुली धूप में आये ,

शायद मोदी डोर से लोकसभा मिल जाये .

…………………………………………..

अपनी लहर है बह रही पर मोदी घबराये ,

काशी सुकून होगी दल की उन्हें तो घर ही भाये .

……………….

जागरण जंक्शन ब्लॉग्स में २० मार्च २०१४ को प्रकाशित

imageview

शालिनी कौशिक

[कौशल ]


Read Comments

    Post a comment

    Leave a Reply