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आओ हम संयोजित हों .

! मेरी अभिव्यक्ति !
! मेरी अभिव्यक्ति !
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Can Rahul's emotional pitch for change turn the tide for Cong?BJP recalls Rajiv Gandhi's speech as inspiring, dismisses Rahul's

भावनाएं वे क्या समझेंगे जिनकी आत्मा कलुषित हो ,

अटकल-पच्चू  अनुमानों से मन जिनका प्रदूषित हो .


सौंपा था ये देश स्वयं ही हमने हाथ फिरंगी के ,

दिल पर रखकर हाथ कहो कुछ जब ये बात अनुचित हो .


डाल गले में स्वयं गुलामी आज़ादी खुद हासिल की ,

तोल रहे एक तुला में सबको क्यूं तुम इतने कुंठित हो .


देश चला  है प्रगति पथ पर इसमें मेहनत है किसकी ,

दे सकता रफ़्तार वही है जिसमे ये काबिलियत हो .


अपने दल भी नहीं सँभालते कहते देश संभालेंगें ,

क्यूं हो ऐसी बात में फंसते जो मिथ्या प्रचारित हो .


आँखों से आंसू बहने की हंसी उड़ाई जाती है ,

जज्बातों को आग लगाने को ही क्या एकत्रित हो .


गलती भूलों  से जब होती माफ़ी भी मिल जाती है ,

भावुकतावश हुई त्रुटि पर क्यूं इनपर आवेशित हो .


पद लोलुपता नहीं है जिसमे त्याग की पावन मूरत हो ,

क्यूं न सब उसको अपनालो जो अपने आप समर्पित हो .


बढें कदम जो देश में अपने करने को कल्याण सभी का ,

करें अभिनन्दन आगे बढ़कर जब वह समक्ष उपस्थित हो .


हाथ करें मजबूत उन्ही के जिनके हाथ हमारे साथ ,

करे ”शालिनी ”प्रेरित सबको आओ हम संयोजित हों .

शालिनी कौशिक

[कौशल ]


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