Menu
blogid : 12172 postid : 45

माँ देती बुलंदी की राह उसके रहमों-करम से .

! मेरी अभिव्यक्ति !
! मेरी अभिव्यक्ति !
  • 791 Posts
  • 2130 Comments

माँ देती बुलंदी की राह उसके रहमों-करम से .


मिलती है हमको माँ
उसके रहमों-करम से ;

मिलती है माँ की गोद उसके रहमों-करम से .


अहकाम में माँ के छिपी औलाद की नेकी ;

ममता की मिलती छाँव उसके रहमों-करम से .


तालीम दे जीने के वो काबिल है बनाती ;

माँ करती राहनुमाई उसके रहमों-करम से .

औलाद की ख्वाहिश को वो देती है तवज्जह ;

माँ दिलकुशा मोहसिन उसके रहमों-करम से .


कुर्बानियां देती सदा औलाद की खातिर ;

माँ करती परवरिश है उसके रहमों-करम से .


तसव्वुर ‘शालिनी’ के अब भर रहे परवाज़ ;

माँ देती बुलंदी की राह उसके रहमों-करम से .


शालिनी कौशिक

[कौशल ]

अहकाम -हुकुम ,राहनुमाई -पथप्रदर्शन ,दिलकुशा -बड़े दिलवाला ,मोहसिन -एहसान करने वाला ,तसव्वुर -कल्पना ,परवाज़ -उड़ान

Read Comments

    Post a comment

    Leave a Reply